Venkataramanu to sankat harta
वेंकटरमणु तो संकट हरता , करता ताक्का वंदन । राकता भक्तांक वेंकटपति तो सोडता संसार बंधन ।।पल्लवी।। वेंकटनायकु तू वरदायकु भक्ति भत्तिचो दाता । लाकु हो राकता अभय तो दित्ता सुख सौभाग्य विधाता ।।१।। कक्षमीपति तो आम्का गती तो , जनगण मंगलकारी । रक्षकु भक्तांचो नाशकु दुष्टांचो शंखचक्र गदाधारी ।।२।। जाणता जो वेंकटपति महिमा सम … Read more